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प्रियंका दुबे 'प्रबोधिनी'

Inspirational

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प्रियंका दुबे 'प्रबोधिनी'

Inspirational

जय बोलो

जय बोलो

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सपनों का इक घर होगा अपना

केसर की घाटी में,

प्यार के दो फूल खिलेंगे खून से

सींचे, माटी में।

फहरायेगा बड़े शान से अब तीन

रंग, का झंडा-

जय बोलो! शूल उठेगा पत्थर

बाजों की, छाती में।



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