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Vinit Kumar

Romance

3  

Vinit Kumar

Romance

जवाब दे देना

जवाब दे देना

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मुझे ग़म में डूबा, फिर

चले गए ना तुम?

हर बार लौट के आना,

और फिर 

दिल में पहले से भी

ज्यादा जगह बना लेना,

नहीं भूलते न कभी भी तुम?

कैसे कर लेते हो तुम,

दिखावा इतना

जैसे मानो, सच में तुम लौट आते

मेरे पास हर बार हो।


तो फिर जाते ही क्यों हो?

बिन बताये, जाते हो और

हर बार, कहाँ गए थे के

सवाल का

जवाब भी नहीं देते हो।

और मुझे मन शांत करने

को कहते हो तुम?

किस हक से? क्या मैं कोई

खिलौना हूँ तुम्हारे लिए?


सुनो,

अब की बार आना,

तो संभल भी जाना

मूंदना आँख, तुम्हारे

गनीमत से भूल गई हूँ मैं

और सच भी शायद

जान गई हूँ मैं।

मेरे सवाल करने से पहले ही

अपना जवाब दे देना 

वर्ना, तुम्हारे बिना रहना

मैं अर्सों से जानतीं हूँ।


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