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HARSH GAJJAR

Romance Others

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HARSH GAJJAR

Romance Others

जुनून

जुनून

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के उसका इश्क ही जुनून 

और जुनून फितरत मेरी, 

उसका इश्क ही जुनून 

और जुनून फितरत मेरी, 

उसके इश्क के जुनून में ऐसे डूब से गए 

के बदलते मौसम मे हम ना बदल सके


सुबह होती है मेरी उसकी यादों से, 

सुबह होती है मेरी उसकी यादों से

और घड़ी के काटे बढ़ते रहते हैं

उसके पैगाम के इंतज़ार में


रात को उस आसमान को देख के

ज़ोर से चिल्लाता हूँ

के रात को उस आसमान को देख के

जोर से चिल्लाता हूँ

के फितरत में लिख के भूल सा गया

तू बस उसके इंतज़ार में ग़म सा दे गया, 

तू ना जाने ज़माने ने कैसी ठोकर मारी

के अकेला सा हो गया हूँ , 

नूर ऐ ख़ुदा तेरी याद में रो सा गया हूं 


कैसे पागल से हैं ये अजनबी लोग 

जब तेरी याद मे आँखें बंद कर के

आँसू छुपाने की कोशिश करता हूँ 

के तेरी याद मे आँखें बंद कर के

आँसू छुपाने की कोशिश करता हूँ

और ये सोचते हैं के तूझे भुला कर

बदलते मौसम में बदल सा जाता हूँ 


वो क्या जाने मेरे इश्क के जुनून को

वो जीते भी मर के हैं और

मैं मर के भी तेरे इश्क मे जीता हूँ .. 



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