हँसी
हँसी
रात भी ला रही है ओढ़ी हुई हँसी,
शाम से धुआँ धुआँ हो रही है हँसी,
तेरे पहलू में आके कुछ थम सी गयी है
ये दुनिया मेरी,
शाम को भी ना पता था की
रात भी ला रही है खुशी,
शाम से धुआँ धुआँ हो रही है हँसी,
चाँद से रात का हो रहा है मिलन,
चांदनी भी ओढ़े है कोई हया की शर्म,
घूंघट में छुप के आ रही है रागिनी भी कहीं,
मुस्कुराते हुए मिल रही हो तुम भी तो कहीं,
रात भी ला रही है ओढ़ी हुई हँसी ,
तेरी नज़रों ने मेरी नज़रों को दे दी है खुशी,
काजल तेरी आँखों का कुछ कह गया है अभी,
होठों पे तेरे भी मुस्कान की छा गयी है हँसी,
रात भी ला रही है ओढ़ी हुई हँसी,
शाम से धुआँ धुआँ हो रही है हँसी
मुझे प्यारी सी लगे तेरी हँसी ....