जरूरी है
जरूरी है
मुकम्मल नहीं होती सबको खुशियाँ
इसलिए गम का होना भी जरूरी है,
दिन के उजाले के साथ-साथ
निशा का अंधकार भी जरूरी है।
घमंड ज्यादा हो तो
ठोकर लगनी भी जरूरी है,
सपनों के साथ-साथ
हक़ीक़त की पहचान भी जरूरी है।
अच्छे वक़्त की चाह के लिए
बुरे वक़्त का होना भी जरूरी है,
मेहनत के साथ-साथ
संयम रखना भी जरूरी है।
रिश्ते मजबूत करने हो तो
लड़ाई-झगड़ेभी जरूरी है,
बने रहे रिश्ते आपसी
तो सुझाव भी जरूरी है।
अंधेरा चाहे कितना हो गहरा
सूरज का निकलना जरूरी है,
खाई हो जो समय की मात
तो सब कुछ आसान होना जरूरी है।
पड़े जो रिश्ते कमज़ोर
उन्हें छोड़ा नहीं करते,
जैसे कटते सिर्फ नाखून है
उंगलिया तोड़ा नहीं करते।