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Kawaljeet GILL

Inspirational Others

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Kawaljeet GILL

Inspirational Others

जो भी लिखते हैं

जो भी लिखते हैं

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जो भी लिखते हैं, ऑनलाइन लिखते हैं;

जो दिल में होता है, उन शब्दों को मोतियों की तरह पिरो देते हैं;

भूल हमसे भी हो जाती है, लिखते लिखते;

पर अपनी भूल को सुधार लेते हैं|

क्या लिखा कब लिखा, याद नहीं हम रखते;

हम कोई कवि तो नहीं, जो कविता लिखते हैं;

हम तो अपने दिल की बात, अपने एहसास लिख देते हैं;

थोड़ा-सा है शौक हमको, वो पूरा कर लेते है;

जब भी फुरसत मिले चन्द पलों की, उसमें अपने एहसास बयां कर लेते हैं|


सोचो तो जरा गर इंटरनेट ना होता तो,

ऑनलाइन की दुनिया ना होती,

ना हम तुम सब मिलते,

ना हम तुम सब से दोस्ती होती|

सोचो तो जरा

गर मोबाइल ना होते तो क्या होता,

रिश्ते कितने दूर दूर होते,

ना व्हाट्सएप्प होता ना फेसबुक होता,

ना ही इंस्टाग्राम और योर कोट,

मोबाइल आये तो इंटरनेट का उपयोग,

ज्यादा हुआ

सोचो तो जरा गर इंटरनेट ना होता|


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