ज्ञान
ज्ञान
ज्ञान साध मानव जग जीते
मिटे मन का अंधकार अहंकार
करे जो सच्चे ज्ञान सागर का स्नान
कभी न आए उसके मन कोई बुरा विचार
ज्ञान को साधा साधक
शांत भाव करता अपना काम
मोह माया लोभ लालच से
होता न उसे पहचान
पढ़ कर पोथी खुद की तरक्की
सच्चे ज्ञान का ज्ञान नहीं
सही अर्थो मे जो है ज्ञान
सिखलाये मानव को मानव होना
दीन दुखियों का पेट भरना
सच्चे ज्ञान से मनुष्य करे तरक्की
बनाता हुआ दूसरो के कुशल जिंदगी।
