जल
जल
जल हाँ, जल!
इसके बिना हम अपने कल की
कल्पना भी नहीं कर सकते हैं
जल है तभी है हमारा जीवन
अन्यथा जलाभाव में हमारे
जीवन का कोई अस्तित्व ही नहीं है
हाँ,कोई अस्तित्व ही नहीं है।।
जल हाँ,जल!
इसका सदा करना चाहिए हमें
सदुपयोग
हमें व्यर्थ नहीं गंवाना चाहिए
जल की एक बूंद भी,
जल है तभी है हमारा कल
यह नहीं भूलना चाहिए हमें
हमारी साँसें तभी तक है
जब तक है धरा पर जल।।
जल हाँ,जल!
जल की एक-एक बूंद है बेहद अनमोल
इसके बिना नहीं है जीवन का कोई मोल
व्यर्थ न हो जल इसलिए लेना चाहिए हमें प्रण
कि हम सदा करेंगे सदुपयोग जल का
यूं व्यर्थ न करेंगे जल है इसकी बहुत महत्ता।।
जल हाँ,जल!
जल है प्रकृति प्रदत अनमोल उपहार
हमें सहेजकर सदा रखना है इस उपहार को
तभी तो पृथ्वी के हर प्राणी रहेंगे जीवित
हमें नहीं भूलना है इक बात कि
जल है तभी कल है जल के बिना है सब सूना।।