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Vinay Anthwal

Inspirational

3.8  

Vinay Anthwal

Inspirational

जल अनुपम पय

जल अनुपम पय

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माँ धरती का अनुपम पेय है ,

  जल इसको हम सब कहते हैं।

जल होने से ही तो हम सब, 

      माँ मेदिनी में ही पलते हैं।


सुन्दर गोदी माँ वसुधा की,

     विश्व नाट्य इसमें होता है।

जल से ही आवृत हुई है,

  ‌‌   जल से ही जीवन होता है।


सलिल से सृष्टि उत्पन्न हुई है

     उदक से अन्न संपन्न हुई है।

जल से है अस्तित्व हमारा

 जल से उज्ज्वल भविष्य हमारा।


जल है तो ये जीव-जगत है

     नीर नर को मिला ये वर है।

जल से ही जीवन सुरक्षित,

     जल से ही है कल सुरक्षित।

अब निर्मल जीवन जीना होगा

     जल का संचय करना होगा ।



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