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Gurminder Chawla

Abstract

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Gurminder Chawla

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जख्म

जख्म

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जख्म और घाव दो भाईयो की है कहानी

मामूली सा है फर्क है जख्म और घाव मे,

जिंदगी मे घाव कही बेहतर है जख्म से

घाव तो होता है नतीज़ा दुर्घटना का,

जो किसी को प्यार ने दिये वो है जख्म

जो किसी को एतबार ने दिये वो है जख्म ,

जो किसी को यार ने दिये वो है जख्म

याद क्यो है हमको सिर्फ दुश्मन के दिये जख्म,

मेरे अपने क्यो तुमने जख्म दिये, काश तुम घाव दे देते

अब नही चाहत है दिल मे कोई मिले मुझे अपना सा ।


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