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जिंदगी

जिंदगी

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जिंदगी रूकती नहीं,

रुकते हैं बस कुछ पल !


क्षण भर को थम जाते है वक़्त के हसीन बादल,

बारिश होते ही आगे को बढ़ जाते है,

बूँद बूँद बन दरिया मे मिल जाते है,


जिंदगी से क्या नाराज़गी,

नाज़ुक होते हैं बस कुछ हालात,


या तो छोड़ दो या तो थाम लो उनका हाथ,

विकल्प है दो, किसी का भी चुन लो साथ,

पर जिंदगी है एक, फ़िज़ूल हैं इसे छोड़ने के ख्यालात,


वो बूंदे भी फिर बनती है बादल,

धैर्य रखो, धूप के आने का,

फिर उठ आसमां मे जाने का,


हर रोज़ इस दुनिया मे कोई न कोई मरता है,

जिंदगी को छोड़ मौत के दरवाजे पर दस्तक देता है,


सफ़र को बीच मे छोड़ने वालो से पूछो गम क्या है,

मंज़िल तक पहुँचने वालो से पूछो,

सुकून क्या है,


क्या पता कल जिंदगी क्या करवट ले ले,

आज तुम साथ छोड़ना चाहो, कल वो मुँह फेर ले,


बूँद भी तब तक है जब तक ज़मीन से न टकराये,

मिट्टी मे घुल उसका भी अंत हो जाये,


मंज़िल का क्या है यह तो मिल ही जायेगी,

जिन्दगी तो सफ़र है, जब तक है तब तक जी लो,

कल यह भी शमशान के नाम हो जायेगी!!


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