Dr.Shree Prakash Yadav
Romance
मैं
ज़िंदगी का
गरल पीता रहा।
वो हैं कि
चांदनी मुस्कान
मुस्कुराते रहे।।
21 मार्च कवित...
अलविदा2022
चाहिए
जीवन
कविता
जीवनगत अनुभूत...
प्रियतमा
पापा
मैं फकीर हूँ
जीवन का महत्व
जन की नहीं, धन की आसक्ति छोड़ो, प्रेम करो। जन की नहीं, धन की आसक्ति छोड़ो, प्रेम करो।
मैं कभी किसी से भी इतना प्यार नहीं कर सकती थी जैसे मैंने तुमसे प्यार किया। मैं कभी किसी से भी इतना प्यार नहीं कर सकती थी जैसे मैंने तुमसे प्यार किय...
जिदंगी खुशहाल देखकर ठंडक दिल को होती है। जिदंगी खुशहाल देखकर ठंडक दिल को होती है।
एक बार झूल जाओ ! नाराज़गी उतार फेंक, बस चले आओ ! एक बार झूल जाओ ! नाराज़गी उतार फेंक, बस चले आओ !
दिल के हर पन्नों में अल्फ़ाज़ खूब अमीर है, तुम एक बार पढ़ कर तो देखो! दिल के हर पन्नों में अल्फ़ाज़ खूब अमीर है, तुम एक बार पढ़ कर तो देखो!
मेरी जिंदगी की मुरादें क़ुबूल कर आ भी जा आ भी जा आ भी जा।। मेरी जिंदगी की मुरादें क़ुबूल कर आ भी जा आ भी जा आ भी जा।।
माटी की मीत तो बस जाकर उड़ती और जाकर गिरती अपने प्रण कण कण से.. माटी की मीत तो बस जाकर उड़ती और जाकर गिरती अपने प्रण कण कण से..
मैं ख़ामोश हो गयी हूँ, सिर्फ़ दुनिया के लिये तुम्हें हर बात, हर रोज़ बताना चाहती हूँ मैं ख़ामोश हो गयी हूँ, सिर्फ़ दुनिया के लिये तुम्हें हर बात, हर रोज़ बताना च...
आशाओं के दर्पण में हसरतों का स्नेह भरा तर्पण, कामिनी काया के कम्पन में थिरकता प्रेम-समर्पण! आशाओं के दर्पण में हसरतों का स्नेह भरा तर्पण, कामिनी काया के कम्पन में थिरकता प...
एक लड़का जो शायराना सा दिवाना था, तबियत से तुम्हारे दिल का परवाना था... एक लड़का जो शायराना सा दिवाना था, तबियत से तुम्हारे दिल का परवाना था....
कभी चिनार सी, कभी झेलम सी हैं, पर, उसकी हर-एक बात रेशम सी है। कभी चिनार सी, कभी झेलम सी हैं, पर, उसकी हर-एक बात रेशम सी है।
रोज रोज मिलना अच्छी बात नहीं इसका हल निकालो मुझे अपना बना लो। रोज रोज मिलना अच्छी बात नहीं इसका हल निकालो मुझे अपना बना लो।
आसमान के आँगन में, एक बागीचा बनाया ! उसे, बादलों से मैंने खूब सजाया ! आसमान के आँगन में, एक बागीचा बनाया ! उसे, बादलों से मैंने खूब सजाया !
इंसान नहीं नजारों से चहकता हूँ ये बारिश भी याद रहेगी मुझे। इंसान नहीं नजारों से चहकता हूँ ये बारिश भी याद रहेगी मुझे।
यूँ तो है मुझमें तुम्हें पाने की चाहत, तभी तो मुझे प्यारी लगे तुम्हारी आने की आहट ! यूँ तो है मुझमें तुम्हें पाने की चाहत, तभी तो मुझे प्यारी लगे तुम्हारी आने की...
तब मेरा भी इज़हारे -मोहब्बत करना याद है मुझे वो पहली मुलाकात। तब मेरा भी इज़हारे -मोहब्बत करना याद है मुझे वो पहली मुलाकात।
तू जगमगाती जुगनू सी तेरी चेहरे की ये रौशनी हाय ! तेरे रंग रूप। तू जगमगाती जुगनू सी तेरी चेहरे की ये रौशनी हाय ! तेरे रंग रूप।
उस रब से बस ये ही ख्वाहिश, बस एक तू ही हो मुझे उस की नवाज़िश। उस रब से बस ये ही ख्वाहिश, बस एक तू ही हो मुझे उस की नवाज़िश।
नि:शर्त प्रेम है मेरा निर्विकार तुम। नि:शर्त प्रेम है मेरा निर्विकार तुम।
दूरी मीलों की भले हो मन पे तुम काबिज रहीं। दूरी मीलों की भले हो मन पे तुम काबिज रहीं।