जिंदगी
जिंदगी


ये जिंदगी पहेली है
सुख - दुःख की सहेली है।
जिंदगी में फूल हाथ लगते हैं
तो कभी कांटो में उलझते हैं
कभी बेहद सरल दिखती है
तो कभी अपने फैसलों से चौंकाती है
ये नटखट- जिंदगी , कब किसके समझ आती है ?
ये जिंदगी पहेली है
सुख - दुःख की सहेली है।
जिंदगी में फूल हाथ लगते हैं
तो कभी कांटो में उलझते हैं
कभी बेहद सरल दिखती है
तो कभी अपने फैसलों से चौंकाती है
ये नटखट- जिंदगी , कब किसके समझ आती है ?