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Sunita Katyal

Abstract

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Sunita Katyal

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जिंदगी ठहर गई

जिंदगी ठहर गई

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कुछ दिनों पहले तक         

लगता था यूं जैसे ,         

सब तेजी से भागे जा रहे ।      

वक़्त को हराने की ,      

दुनिया में रेस सी है चल रही !

वक़्त ने भी कहा ,

भाग लो जितना चाहे,

लो मै तो अब ठहर गया ।

सब अब अचंभित से रुके

वक़्त को देख रहे

ये चले तो रेस शुरू हो ।

वक़्त के साथ ही जैसे

सबकी जिंदगी ठहर गई!!

जी हां ,आजकल यूं ही लग रहा,

जिंदगी ठहर गई.... वक़्त भी ठहर गया,

चल रहा है तो सिर्फ, इक सोशल मीडिया

जिंदगी ठहर गई , वक़्त भी ठहर गया !


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