जिंदगी की शतरंज
जिंदगी की शतरंज
चारों तरफ मैदान सजा है
शतरंज की बिसात पर ही
शह मात का खेल चला है
चालें चल रहे हैं वजीर
राजा शान से खड़ा है
प्यादा ही बे मौत मरा है
छल से भरे इस खेल मे
हर पल ख़तरा ही ख़तरा है
कब किस ओर से होगा हमला
ये नहीं किसी को भी पता है
मौका परस्ती के इस खेल में
जाने ऊंट किस करवट चला है
घोड़े और हाथी भी हैं रेस में
जो आया सामने वो कुचला है
जिंदगी एक शतरंज की माफ़िक है
पल पल यँहा खेल बदला है
जिसका फोकस है पूरा इस पर
वही विजय होकर निकला है....
