जिंदगी की सच्चाई
जिंदगी की सच्चाई
"अगर तुम एक मकान से दूसरे मकान तक का फासला तय करते हो तो तुम्हारे साथ पूरी कायनात शरीक होनी चाहिए.। "
मतलब की यदि तुम एक मकान से निकलकर दूसरे मकान तक जाते हो तो तुम्हें हर छोटी से छोटी और बड़ी सी बड़ी चीजों का ख्याल रखना चाहिए चाहे वह एक छोटी सी चींटी हो या कोई इंसान।
जब तुम किसी पौधे को देखो तो तुम्हें उसमें सिर्फ काँटे नजर नहीं आए बल्कि उसमें लगे फूल भी नजर आए।
जिंदगी में तुम सिर्फ अपने दुखों को ही मत देखो बल्कि उन दुखों के बाद आने वाले खुशियों का भी इंतजार करो.।
यदि तुम्हें रात की ज़र्द खामोशी नजर आती है तो तुम्हें उसके बाद निकलने वाले आफताब का भी इंतजार करना चाहिए।
जिस तरह रात की खामोशी तुम्हें बेचैन करती है उसी तरह हर सुबह निकलने वाला आफताब तुम्हारी खामोशी का जवाब होता है।
जिंदगी चाहे कितनी भी अज़ाब क्यों ना लगे तुम्हें सब्र का दामन कभी नहीं छोड़ना चाहिए.।
-आलिया फ़िरदौस