जिंदगी की चुनौती
जिंदगी की चुनौती
जिंदगी की चुनौतियां स्वीकार कर
जिंदगी के रण में तू सिंहनाद कर
आज न तो कल तेरी विजय होगी,
तू पराजय को जीत का उपहार कर
तू खुद को हिमालय सा बाज कर
जिंदगी की चुनौतियां स्वीकार कर
अपनी कमजोरियों को बर्बाद कर
अपने भीतर लहूं का श्रृंगार कर
ज़माने में तू कुछ कर दिखा ऐसा,
चुनौती को भी लगे तू आदमी कैसा,
अपने को हर समस्या का बाप कर
जिंदगी के रण में तू सिंहनाद कर
जितना तू समस्या का सामना करेगा,
उतना ही खुद को खरा सोना करेगा,
अपनी आवाज में पवित्र शंखनाद कर
जिंदगी की हर चुनौती से संवाद कर
अपनी आंखों में चाँद सी शीतलता,
दिल मे सूर्य रश्मियों को आबाद कर
जिंदगी की चुनौतियों को स्वीकार कर
अपने पौरुष का आज तू इम्तिहान कर