जिंदगी के अजीब खेल
जिंदगी के अजीब खेल
ये जिंदगी अजीब खेल खेलती है
किसी को पास लाती है
तो किसी को दूर ले जाती है
कुछ नये बंधनो से अवगत करवाती है।
तो वहीं पुरानो बंधनो से मुक्त करवाती है
तो वहीं खुश रहना भी बताती है
किसी की यादों को ताजा करवाती है
तो वहीं दूसरी तरफ नई यादें बनाती है
ये जिंदगी अजीब खेल खिलाती है।
कहीं घुट - घुट के जीना सिखाती है
तो वहीं किसी के लिए मन में प्यार जगाती है
कभी तो अनजान व्यक्ति से भी अपनापन जताती है
तो वहीं दूसरी ओर अपने व्यक्ति से दूसरो का एहसास दिलाती है।
किसी के लिए मन में नफरत पैदा करवाती है
कहीं अपनी हार को महसूस करवाती है
वहीं जीत कर उस हार को भूलना सिखाती है
ये जिंदगी अजीब खेल खिलाती है।
