जिंदगी एक रंगमंच
जिंदगी एक रंगमंच
जीवन के इस रंगमंच पर,
जाने कितने किरदार मिले।
अभिनय कौन नहीं करता,
यहां तो अभिनय के अंबार मिले।
जीवन की तपिश और जद्दोजहद में,
जीने के हौसले बेशुमार मिले।
अभिनय कौन नहीं करता यहां,
यहां तो अभिनय के अंबार मिले।
निराशा की थकन और शिकन,
चेहरे बयां करते हजार मिले।
अभिनय कौन नहीं करता यहां,
यहां तो अभिनय के अंबार मिले।
कभी निगाहों में आशा और खुशियां,
आंखों में ख्वाब हर बार मिले।
अभिनय कौन नहीं करता यहां ,
यहां तो अभिनय के अंबार मिले।
दर्द मिलने और बिछड़ने का,
हर चेहरे में शुमार मिले।
अभिनय कौन नहीं करता यहां,
यहां तो अभिनय के अंबार मिले।
जिन्दगी सा रंगमंच नहीं कोई,
यहां तो हर किस्म के अदाकार मिले।
अभिनय कौन नहीं करता यहां,
यहां तो अभिनय के अंबार मिले।
