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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

जिंदगी चल रही तेज है

जिंदगी चल रही तेज है

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ये जिंदगी चल रही बहुत तेज है

फ़िसल रही हाथो से अब रेत है,

जाने कब संभालेगे हम खुद को

जबकि बीत रहा उम्र का खेत है,

अपनी ख्वाइशों को पूरा करने में

असत्य को दे रहे अपना पेट है,

ये जिंदगी चल रही बहुत तेज है

चल उठ जाग भी जा अब साखी,

बहुत चला ली तेज जीवन-गाड़ी

अब अपनी रफ़्तार कुछ थाम ले,

अपने जीवन मे कुछ हरिनाम ले,

हरिनाम स्मरण,अच्छे कर्म से ही,

अच्छी होगी तेरी साखी सेहत है

ये जिंदगी चल रही बहुत तेज है!



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