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Jayantee Khare

Abstract

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Jayantee Khare

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जिंदगी अलबेली

जिंदगी अलबेली

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नए रंग

नए संग


नई तरंग

नई उमंग


कभी हंसाये

कभी रुलाये


कभी छलावा

कभी भुलावा


कभी दिखावा

कभी मिलावा


कई छोड़ जाते

कहीँ मोड़ आते


जोड़ तोड़ आते

गठजोड़ भी आते


कहीं मिलते धोखे

कहीँ यार अनोखे


कभी हो गुलज़ार

कभी राहों के ख़ार


कभी पनपते रिश्ते

कभी बोझ से लगते


जरा सी सुलझ जाती

फिर और उलझ जाती


कभी हम मोहताज़ होते

कभी फिर सरताज़ होते


जिंदगी कभी लगे पहेली

ये जिंदगी बड़ी है अलबेली





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