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Neena Ghai

Abstract

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Neena Ghai

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जिंदगी अधूरी

जिंदगी अधूरी

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मेरी रिश्तों की पोटली भारी है

इसके बिन ज़िन्दगी मेरी अधूरी है

रिश्तों की पोटली सिक्कों से भरी है

सोने की मोहरें, अनमोल रत्न  

उनकी अपनी ही खास पहचान है।


कुछ चांदी के सिक्के हैं

जो खनकते हैं शोर करते हैं

फिर भी अच्छे लगते हैं

कुछ ऐसे सिक्के भी हैं

जिनका कोई मुकाबला नहीं होता है

इक दूजे पे जान लुटा देते हैं पर न जाने क्यों

समय के साथ साथ खर्च हो जाते हैं।


कुछ रिश्ते पक्के और कच्चे धागे होते हैं

ज़िन्दगी में आ लिपट जातें हैं

कुछ रिश्ते उलझे और कुछ सुलझे

अपने आप को समेटे

इस पोटली में बंद हो जाते हैं।


अगर कहीं उलझे धागों को

सुलझाने की कोशिश में

कोई धागा टूट जाए तो

गिरह बन दिल में दर्द दे

आँखों में आँसू बन बहतें हैं 

कुछ रिश्ते ज़िन्दगी की राह में

न जाने हमारी इस पोटली में

कहाँ से आ जाते हैं।


और आख़िरी दम तक साथ निभा जाते हैं

कुछ रिश्ते पोटली में ऐसे भी होते हैं

जो अपने होते हुए भी पराये हो जाते हैं

और कुछ अँधेरी गलियों से चुपके से आ

हाथ थाम अपने हो जाते हैं

मेरे रिश्तों की पोटली भारी है

पर बिन इसके मेरी ज़िन्दगी अधूरी है l 


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