Prabhat Pandey

Inspirational

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Prabhat Pandey

Inspirational

जीवन

जीवन

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रोने से क्या हासिल होगा 

जीवन ढलती शाम नहीं है 

दर्द उसी तन को डसता है 

मन जिसका निष्काम नहीं है ।। 

यह मेरा है ,वह तेरा है 

यह इसका है ,वह उसका है 

तोड़ फोड़ ,बाँटा -बाँटी का ,

गलत इरादा किसका है 

कर ले अपनी पहचान सही 

तू मानव है ,यह जान सही 

दानवता को मुंह न लगा 

मानवता का कर मान सही 

तुम उठो अडिग विश्वास लिए 

अनहद जय घोष गूँज जाए 

श्रम हो सच्चा उद्धेग भरा 

हनुमंत -शक्ति से भर जाए 

व्यर्थ घूम कर क्या हासिल होगा 

जीवन जल का ठहराव नहीं है 

दर्द उसी तन को डसता है 

मन जिसका निष्काम नहीं है ।। 

मोह और तृष्णा को त्यागो 

त्यागो सुख की अभिलाषा को 

दुःख संकट कितने ही आएं 

मत लाओ क्षोभ निराशा को 

हमने मानव जीवन है पाया 

कुछ अच्छा कर दिखलाने को 

प्राणी हम सबसे ज्ञानवान हैं 

फिर क्या हमको समझाने को 

परनिंदा से क्या हासिल होगा 

जीवन में दोहराव नहीं है 

दर्द उसी तन को डसता है 

मन जिसका निष्काम नहीं है ।। 



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