STORYMIRROR

Prabhat Pandey

Others

4  

Prabhat Pandey

Others

टूटते बिखरते रिश्ते

टूटते बिखरते रिश्ते

2 mins
393


पति पत्नी का सम्बन्ध,मनभाव का एक आनन्द होता है 

यह पुष्पित सुमन का मकरंद होता है 

यह है पावन प्रणय की उद्भावना

यह कविता का एक अनछुआ छन्द होता है 


यह अन्धेरे में राह दिखाता है

जीवन में रोशनी भर देता है 

रेगिस्तान को जन्नत बनाता है 

अंगारों को ठंडक पहुंचाता है

ये रिश्ता बड़ा ही नाजुक होता है 

इसे अटूट बनाना दोनोँ के हाँथ में होता है 


इस रिश्ते में मीठा अहसास होता है 

दूर होकर भी हर मोड़ पर ,आपस का साथ होता है 

यह संगम है दो आत्माओं का ,जो जन्म से नहीं जुड़ता है 

यह मिलन है दो एहसासों का ,जो अन्त का साथी होता है 

यह एक साथ है दो साथगारों का ,जिसमें प्यार ,समर्पण होता है 

यह गीत है दो राग़ों का ,इससे सुखद एहसास 

दूजा कोई नहीं होता है 


"प्रभात" यह रिश्ता कांच सा है 

दो लोगों के बीच रहे ,तो अच्छे से पनपता है 

अगर ये बिखर जाए ,तो अदालतों में भटकता है 

 जैसे दीमक लकड़ी को ,धीरे धीरे खोखला करती है 

इक दूजे पर विश्वास की कमी ,इस रिश्ते का खात्मा करती है 

आज दुःख इस बात का है ,इन संबंधों की दरिया सूख रही 

प्यार का फ़ूल मुरझा रहा 

है तलाक की कलियाँ खिल रहीं 

पति पत्नी अपनी इज़्ज़त को अदालतों में उछाल रहे 

प्यार की लड़ियों को बिखराकर ,ईश्वर का दिल भी दुखा रहे 


आज दुःख इस बात का है ,लोग अग्नि की क़समें खाते हैं 

अंत में जिस अग्नि में जलना है 

उस अग्नि में रिश्तों को जलाते हैं 

कुछ माँ बाप भी दुनिया में हैं ऐसे ,जो बेटी का घर उजाड़ते हैं 

ठीक से न रहना ससुराल में तुम ,यह बेटी को सिखलाते हैं 

इन टूटते बिखरते रिश्तों में 

आज एक ही कारण होता है 

जब दो लोगों के बीच में ,तीसरे का आगमन होता है 

मत दफनाओ इन रिश्तों को 

खुदा ही इसको रचता है 

इस पावन रिश्ते में ,अमन चैन ही बसता है।


Rate this content
Log in