"जीवन"
"जीवन"
जीना सरल नही हैं,
दुनिया है मतलबी।
जी आत्मनिर्भर जीवन,
बना लें छवि।
जीवन मरण लगा है,
सुख-दुख हैं किनारे।
जीवन बदल रहा है,
सम्हल कर चलना प्यारे।
सोचा था,सुख मिलेगा,
जीवन में आगे चलकर।
दुखों ने ऐसा घेरा,
पछताऊं हाथ मल कर।।
