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ritesh deo

Abstract

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ritesh deo

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जीवन रहस्य

जीवन रहस्य

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ये जीवन है,कैसा किसी ने ना जाना

दस्तूर है यहाँ का आना और जाना

ठहरना तो जैसै किसी ने ना सीखा

क्या आया था ले के जो ले के है जाना

ये जीवन है कैसा किसी ने ना जाना।

कभी तो लगे है इसे मैंने जाना

कभी तो हुआ है ये बिल्कुल अन्जाना

न इस पार ही हैं ना उस पार जाना

है कैसा ये रस्ता न कोइ ठिकाना

ये जीवन है कैसा किसी ने ना जाना।

एक शून्य ही था इसकी शुरुआत का" राज"

खत्म भी वहीं पर है सबको हो जाना

मगर फिर भी ये होड़ कैसी लगी है

अभी तो है मुझको बहुत दूर जाना

अभी तो है मुझको बहुत दूर जाना

ये जीवन है कैसा किसी ने ना जाना

दस्तूर है यहाँ का आना और जाना।


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