जीवन नदी समान
जीवन नदी समान
जीवन है नदियाँ के समान
बहते रहना इसका काम,
राह में कई पड़ाव मिलेंगे,
कहीं शहर कहीं गांव मिलेगें,
सुख-दुख को ऐसा ही जान,
आयेगे ही जीवन में ये मान,
इनसे तू कभी न घबराना,
तेरा काम चलते ही जाना,
अंत में जब यह थक जाती,
समुन्द्र में जाकर मिल जाती,
जीव का भी जब अंत आता,
जाकर परमात्मा में मिल जाता।