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Mukesh Bissa

Inspirational

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Mukesh Bissa

Inspirational

जीवन की उधेड़बुन

जीवन की उधेड़बुन

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जीवन की उधेड़बुन में

खोया खोया मेरा मन है

ये अकेलापन हटाना चाहिए


आधुनिकता के इस दौर में

गुजरते जा रहे सारे मौसम

अब अपनापन पाना चाहिए


दिन में चैन न रातों में आराम

बेचैनी की दुनिया में

पुराना बचपन आना चाहिए


मंजिल कोसों दूर हैं

आंखों से हो चुकी ओझल

उसे पाने को लड़कपन चाहिए


जिसे पाने की हस्र थी

पा न सके ताउम्र उसे

वो केवल पागलपन चाहिए।


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