जीवन की राह
जीवन की राह
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जीवन की राह पर चलते चलते
राही पथ भूल जाता है।
खुशियों से तो खुशी पाता है
पर गम से ऊब जाता है।
जीवन की राह पर चलते चलते
ऐसा गम वह पाता है
जहाँ पर उसके अपने भी
उसका साथ छोड़ जाते हैं। <
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जीवन की राह पर चलते चलते
राही तन्हा रह जाता है
कोई साथी नहीं बचता
जो उसे संभाल पाता है।
जीवन की राह पर चलते चलते
राही टूट जाता है
जीवन मुश्किल है मगर
क्या करे जीने तो पड़ता है।