जीवन के रंग
जीवन के रंग
जीवन के मेरे हर रंग में तुम हो,
अच्छे बुरे हर वक़्त में तुम हो,
हर खुशी मेरी, हर गम में तुम हो,
दिल की हर धड़कन में तुम हो,
उल्लास में तुम हो, उन्माद में तुम हो,
मेरी अच्छी बुरी हर याद में तुम हो,
हर कविता में, प्रसंग में तुम हो,
खुद से मेरी इस जंग में तुम हो,
दीवाली की रौनक तुम हो,
होली के हुड़दंग में तुम हो,
तुम मेरी गुझिया हो मीठी,
शिवरात्रि की भंग में तुम हो,
बारिश की फिसलन में तुम हो,
सर्दी की ठिठुरन में तुम हो,
निहायत बेढंगा जीवन था ये मेरा
इस बदले हुए नये ढंग में तुम हो।।
