जीवन का नवीन अध्याय
जीवन का नवीन अध्याय
संग सद्वृत्ति के आचरण :
रख ईश्वर का ध्यान।
दुर्गुण अपने सब मिटे :
साधक बने महान।।
पर पीड़ा को जानकर :
जो करता परिहार।
धर्म लाभ पाया उसीने :
जो समझे जीवन का सार।।
अहं छोड़ जिसने जीवन जिया :
उनका जीवन है धन्य।
पर दुख में कातर जो रहे :
उनका संत न अन्य।।
ईश्वर सदा तेरे संग हैँ :
फिर क्यों भटके संसार।
अंतर में ज्योति को जला :
मिटा दे चतुर्दीक अंधकार।।