जीवन का गीत
जीवन का गीत


मन के भावों में शब्दों का,बीज़ पिरोना भाता है,
जीवन की मधुरिम यादों का,गीत बनाना आता है;
शैशव में मुखरित जिज्ञासा के, जाने कितने पंख लगे,
बाल्यकाल में आकांक्षा के,मोहक पावन फूल खिले;
उन फूलोंकी क्यारी में,जल का सिंचन अभिलाषित है,
फूलों को चुन-चुन कर उनका,हार बनाना आता है;
मन के भावों में ............,
यौवन की सीढ़ी पर चढ़ कर,जीवन रस का आस्वाद मिला,
नयनों को स्वर्णिम स्वप्न मिले,नवगति को नया विहान मिला;
ऊँची-नीची पगडंडी पर,जीवन का सच्चा सार मिला,
इन मिश्रित अनगित बातों का,संज्ञान ही जीवन-दर्शन है,
जो इस विधि में पारंगत है,उसे जीवन जीना आता है;
मन के भावों में शब्दों का,बीज़ पिरोना भाता है,
जीवन की मधुरिम यादों का,गीत बनाना आता है।