जीत हर पल तुम्हारी होगी
जीत हर पल तुम्हारी होगी
कड़ी धूप में तुझको हर पल तपना होगा
फ़टी जेब को अपनी सीना होगा
मंजिलों को अपनी गर पाना है
तो मंजिलों के पत्थरों का ठोकरों का
सामना करना होगा
घर से गर बाहर निकलोगे नहीं तो
फटी जेब को सीकर भी क्या फायदा
जेब तो तब ही भरेगी ना जब
मेहनत करोगे कामचोरी नहीं
कोशिश गर करोगे तो
जेब मालामाल हो जाएगी।
हो बारिश या फिर सुनामी
तूफान गर घर मे छुप कर बैठ जाओगे तो
किस्मत तेरी बदलेगी कैसे
किस्मत तेरी बदलेगी कैसे
मुकाबला करना होगा
हर आंधी हर तूफान का
बारिश की बूंदों में
खुद को भिगोना होगा
जेब को करना है मालामाल तो
हर पल हर घड़ी कदम आगे बढ़ाने होंगे
कोशिश गर करोगे तो
जीत तुमारे कदम चूमेगी।
सर्दी हो कड़ी पड़ रही तुझे उठकर
काम के लिए निकलना होगा
आज का काम कल पर नही छोड़ना होगा
ज़माने से जो खुद को रखना है आगे तो
हर काम वक्त पर करना होगा
जेब तो फट ही जाएगी
गर वक्त के पाबंद हम नही होंगे
वक्त किसी के लिए कभी रुकता नहीं
हमको वक्त को पीछे छोड़ना होगा
कोशिश गर करोगे तो
जीत हर पल तुम्हारी होगी।
