जाति और धर्म
जाति और धर्म
जात-पात और ज्ञान-मान का
मत करना अभिमान।
मानव जात है इंसान धर्म की
चाहे पढ़ ले गीता या क़ुरआन।
सोच-सोच के समझ ले यारा
अपनी राह पर हक है तुम्हारा
हार है तेरा अपना वरदान
कर्म से तेरा हो सम्मान।।
जात-पात और ज्ञान-मान का
मत करना अभिमान।
जन विकास में सदाचार का
सदैव हो सम्मान।।
ये रंग तेरा वो रूप मेरा
क्या ये है हमारी पहचान?..
जात-पात और ज्ञान-मान का
मत करना अभिमान।
मानव जात है इंसान धर्म की
चाहे पढ़ ले गीता या क़ुरआन।