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Sumit Singh

Romance

3  

Sumit Singh

Romance

जानू ना तेरा दर्द ..

जानू ना तेरा दर्द ..

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जानू ना तेरा दर्द पर हमदर्द बनना चाहूँ 

तेरे दुखों की गरमी पर ख़ुशियों की सर्द

बनना चाहूँ ।


कोशिश रहे मेरी की तेरी झोली ख़ुशियों

से भर दूँ मैं 

तेरे जीवन के हर पल में सुनहरे रंग भर दूँ मैं।


जानू ना तेरा दर्द पर हमदर्द बनना चाहूँ 

तेरे दुखों की गरमी पर ख़ुशियों की सर्द

बनना चाहूँ ।


कोशिश करूँ कि तेरे मुख से मुस्कान

ग़ायब ना हो पाए 

हर दिन करूँ कुछ ऐसा कि तुझे जीने में

और मजा आए।


जानू ना तेरा दर्द पर हमदर्द बनना चाहूँ 

तेरे दुखों की गरमी पर ख़ुशियों की सर्द

बनना चाहूँ ।


दिल चाहे तुझे चाहूँ और अपनी बनाऊं 

हर मुश्किल समय में तेरा साथ निभाऊं।


जानू ना तेरा दर्द पर हमदर्द बनना चाहूँ 

तेरे दुखों की गरमी पर ख़ुशियों की सर्द

बनना चाहूँ ......


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