जाने क्या हो गया
जाने क्या हो गया
एक याद उसकी दिल से अब
कभी दूर जाती नहीं है
रात खुली आँखों में है गुजरती
सारी रात नींद आती नहीं है !
हरपल तस्वीर उसकी निहारता है मन
दाना पानी हुआ सब हराम
सूखकर कृशकाय हो रहा अब तन
दिल में बेचैनियां घर कर गयीं
जाने हमें यह क्या हो गया
मन तरसता है सिर्फ दीदार को उसके
जमाना कहता है हमें अब उससे
प्यार हो गया गया है ।
क्या यही प्यार है
दिल ऐसे ही परेशान होता है
निहार कर राह जो उसकी
सारा दिन रोता है ।।