इतिहास के पन्ने
इतिहास के पन्ने
फिर निकल आए थे,
मन की अलमारी से मेरे ,
इतिहास के कुछ पन्ने ,
कुछ अधूरे ख्वाब के थे,
तो कुछ बेदर्द लम्हों के थे,
कुछ मेरे टूटे हुए किस्मत के थे ,
तो कुछ मेरे उजड़े हुए जीवन के थे,
कुछ अपनो के दिए जख्मों के थे ,
कुछ अपनी ही कमियों के थे,
कुछ बेवफाई के किस्से थे
कुछ वफा के भी हिस्से थे ,
कुछ टूटे दिल के टुकड़े थे
कुछ मुझे देख सिकुड़े से थे!!