इश्क़ था या था नही
इश्क़ था या था नही
इश्क़ था या था नही
बाते थी कुछ अनकही
जब लगे चलने
इश्क़ के सफ़र मे
थी खुबसूरत राहे
और थी अधुरी सौगातें
अधूरा सफ़र पूरा करने
चल पड़े थे अनदेखी राहों में सफ़र करने
मज़ा आया जब सफ़र पूरा हुआ
वो न मेरे और ना मै किसीका हुआ।
इश्क़ था या था नही
बाते थी कुछ अनकही
जब लगे चलने
इश्क़ के सफ़र मे
थी खुबसूरत राहे
और थी अधुरी सौगातें
अधूरा सफ़र पूरा करने
चल पड़े थे अनदेखी राहों में सफ़र करने
मज़ा आया जब सफ़र पूरा हुआ
वो न मेरे और ना मै किसीका हुआ।