❛इश्क़ की दुनिया है जनाब !
❛इश्क़ की दुनिया है जनाब !
इश्क़ की दुनिया है जनाब यहाँ कुछ भी हो सकता है,
दिल मिल भी सकता है और खो भी सकता है।
जिसे तुम चाहते हो किसी और का भी हो सकता है,
तुम समझो इबादत वो गुनाह भी हो सकता है।
बेपनाह मुहब्बत का मामूली हाल भी हो सकता है,
दोस्त समझो जिसे वो रकीब भी हो सकता है।
जाम समझो जिसे वो ज़हर भी हो सकता है,
सुकून समझो जिसे वो कहर भी हो सकता है।
अपना समझो जिसे वो सपना भी हो सकता है