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आकांक्षा राजीव

Romance

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आकांक्षा राजीव

Romance

इश्क बेवजह

इश्क बेवजह

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ये कैसे मान लूं कि ये इश्क बेवजह है,

तू मिल गया है मुझे तो कोई वजह है

वाक़िफ़ हूँ तुझसे कि तू बेवफा नहीं,

इसलिये तुझसे कोई शिकायत नहीं

इतना सा रहम करना,

मैं देखूँ तुम्हें जो एक नज़र

तो मुझे अनदेखा ना करना


मेरा महबूब तू सबसे जुदा है

तेरी वफ़ा पे मुझे यूँ ही गुमान करने देना

मोहब्बत अगर पाकीज़ा होगी

तो उस ख़ुदा की मंजूरी भी होगी

वादा वफ़ा का मैं निभा तो लूँगी

तू भी मुझसे कभी दूर ना होना ।



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