इस बार की राखी
इस बार की राखी
इस बार की राखी कुछ अलग हो
इस बार की राखी गरीब के घर हो
वो भी मना पाये रक्षाबंधन का पर्व,
इस बार सबकी खुशी का रंग हो
हमारे घर की बहनों के साथ ही,
गरीब की बेटी का भी संग हो
इस बार की राखी कुछ अलग हो
इस बार बस समानता का रंग हो
ऊंच-नीच हम सब भूल ही जाये,
जातिगत भेदभाव तोड़ ही जाये,
इस बार हमारी राखी समरस हो
सब मिलकर बस एक ही नग हो
कोई जाति और कोई भी धर्म न हो
फ़ौजी जैसे हाथ मे देश का ध्वज हो
इस बार राखी देश की कुछ अलग हो
भारत का धागा सबकी कलाई में हो
इस बार की राखी कुछ अलग हो
सबके मन मे भारत की शक्ल हो।
