इरादे ओर हौसले
इरादे ओर हौसले
जिनके हौसलों में होती है,जान
वो बिन परों के ही भरते हैं उड़ान
वो एकदिन पहुंचते है,आसमान
जो लगातार कर्म करते है,श्रीमान
उनको मिल जाता है,स्व मुकाम
जिनके पैर न लेते रुकने का नाम
उन्हें हर मुश्किल लगती है,आसान
जिन इरादों मे होती है,वाकई जान
उन लबो पर नित रहती है,मुस्कान
जिनका जिंदा होता है,स्वाभिमान
मुसीबतें बनाती है,उनकी पहचान
मेहनत से शूलों में बनते गुलिस्तान
उन्हें दुःख,मुसीबतें लगती है,वरदान
जिन्हें लगे दुःखों में छिपा सुख स्थान
जो सँघर्ष को देते है,जीवन मे स्थान
सँघर्ष उन्हें दिलाता कुंदन सी पहचान
जो स्व इरादों मे रहते,अडिग चट्टान
उनके श्रम से बहता झरना,सुजान
जो कायम रहते है,अपनी जुबान
वो एकदिन झुका देते है,आसमान।