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Tanmay Mehra

Abstract

5.0  

Tanmay Mehra

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इन्तज़ार तेरा

इन्तज़ार तेरा

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मेरे भोले भस्म कर दे मुझे तू

मेरी चिता को अग्नि भी लगा दे

वो समाई है मेरे रोम रोम में

तू उठा राख मेरी उसे माथे पे सज़ा दे

कर दे सिर धड़ से अलग मेरा तू

और मुंड की माला बना दे


फिर तू जपे "नमः शिवाय" और मैं जपुं "जाना"

अपने "ओंकार" से मेरे "जाना" को मिला दे

या फिर उधेड़ दे खाल मेरी तू

और वाघाम्बरी मुझे बना दे

फिर भी रहेगा इन्तज़ार उसका


तू मेरी सौगन्ध को सफ़ल बना दे

तू उठा त्रिशूल और कर वार मेरे सीने में

उसके बिना धिक्कार है मेरे जीने में

खोल तीसरी आँख भस्म कर मुझे अभी तू

या दे विष का प्याला देर ना लगाऊं पीने में


मेरे भोले तोड़ तपस्या अपनी

तू जरा खुद को तू इक बार हिला दे

खींच हाथ मेरा मुझे ऊपर तू बुला दे

या बैठ उसी तपस्या में मुझे मिट्टी में मिला दे


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