इंतजार करती है धरा
इंतजार करती है धरा


हर पल बारिश का इंतजार करती है धरा,
हर पल समीर से यह बातें करती हैं धरा।
आएगा सावन मेरा, मैं भीग जाऊंगी,
बरसेगी बूंद, मैं खिल जाऊंगी।
कहती है समीर, पूरी हो धरा की ख्वाहिश,
बनके बरसे सावन, प्यार की बारिश।
हर पल बारिश का इंतजार करती है धरा,
हर पल समीर से यह बातें करती हैं धरा।
आएगा सावन मेरा, मैं भीग जाऊंगी,
बरसेगी बूंद, मैं खिल जाऊंगी।
कहती है समीर, पूरी हो धरा की ख्वाहिश,
बनके बरसे सावन, प्यार की बारिश।