इन्कलाब
इन्कलाब
भारत के भाल पर हिमालय
रूपी ताज अमर रहे
दुनिया के हर कोने में
इस हिंद का राज अमर रहे
जब भी पड़ी जरूरत
हम बन कर शेर दहाड़े हैं
मगर गंगा की लहरों में
शांति का साज़ अमर रहे ।।
भारत के भाल पर हिमालय
रूपी ताज अमर रहे
दुनिया के हर कोने में
इस हिंद का राज अमर रहे
जब भी पड़ी जरूरत
हम बन कर शेर दहाड़े हैं
मगर गंगा की लहरों में
शांति का साज़ अमर रहे ।।