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PIYUSH RAJA

Romance

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PIYUSH RAJA

Romance

इज़हार-ए-मोहब्बत

इज़हार-ए-मोहब्बत

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इज़हार-ए-मोहब्बत का आगाज देखो,

सजदे में सर है और आंखों में पानी,

नजरें मिली और फ़िज़ा मुस्कुराई,

चिलमन उठा तो दिखी चांद सी परछाई,

इकरार-ए-मोहब्बत का आलम था कैसा,

जो कहनी थी बातें, जुबां तक ना आयी,

बहारों की मलिका जब आयी चमन में,

खिले फूल और फ़िज़ा मुस्कुराई,

पेड़ों के पीछे दिखी तेरी सूरत,

लगा जैसे चल के कयामत ही आयी,

बुझी आंखों में दिखी आशा की किरणें,

बियाबान में जैसे हरियाली आयी,

ख्वाबों में जिसको सजाया संवारा,

हकीकत में वही मेरी तस्वीर हो तुम,

तपना है तुझको हर एक तपिश में,

जुल्म सहने वालों की तकदीर हो तुम,

तराना बनेगा जब मेरा फसाना,

गाएंगे सब ऐसा संगीत हो तुम,

सलामत रहो कायनात में तुम,

हर गुलशन में चमके सितारा तुम्हारा,

इज़हार-ए-मोहब्बत का आगाज देखो,

सजदे में सर है और आंखों में पानी!



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