हिंदी दिवस
हिंदी दिवस
हिंदी राष्ट्र की गरिमा है,
राष्ट्रीयता की पहचान है,
नए विचारों में पलती बढ़ती,
जन-जन का स्वाभिमान है,
नई प्रेरणा देने विश्व को,
नववर्ष का प्रतिमान है,
नई चेतना का अलख जगाकर,
विश्व पटल पर प्रवाहवान है,
दिव्य प्रभा फैलाने वाली,
साहित्य क्षितिज पर दिनमान है,
हिंदी दिवस पर नए विचारों को
लेकर हिंदी आयी है,
बुराइयों को दूर भगाकर,
अच्छाई जन-जन में फैलाई है,
आपसी कटुता को दूर भगाकर,
करुणा की सरिता ले आई है,
हिंदी दिवस में नए सुरों का
गीत बनकर आई है,
सभी सुखी रहे इस विश्व में,
यही कामना लाई है,
विश्व परिक्रमा करने वाली,
मानव की शहनाई है,
सात सुरों का संगीत लेकर,
मिलन की बेला लाई है,
युद्ध बंद हो, प्रेम का संदेश ले आई है,
हिंदी दिवस के द्वार पर बंदनवार बन आई है,
स्वस्थ रहे, विक्षिप्त ना हो कोई,
मस्ती का रस ले आई है,
दुख-पीड़ा को अपने से भुला कर,
मस्तानों की टोली आई है,
नए शब्द नई पंक्ति माला,
नवसृजन हो कवि मन में,
तकती झुलसती काव्य धरा पर,
शीतल फुहार ले आई है,
हिंदी हमारी हिंदी दिवस पर,
नई कलियां खिलाई है,
जड़-चेतन में विश्वास की
ज्योत बनकर मुस्कुराई है!
