ईश्वर पर विश्वास
ईश्वर पर विश्वास
यूं तो तू एक बुलबुला मात्र है क्षणभंगुर संसार में
फिर भी देख उस परमपिता परमेश्वर का है तू अंश
तेरे अंदर भी है शक्ति (आत्मा विद्यमान है)
जो भी हम देते हैं ब्रह्मांड में कई गुना होकर
वापस हमें हैं मिलता(परम सत्य है)
तेरी भावनाऐं कुंठा शोक खुशी आक्रोश
सकारात्मकता सारे भाव जो तेरे अंदर हैं पनपते
वही तुझे वापस बहुतयात में होते प्राप्त हैं
आशावादी विचार ब्रह्मांड से सकारात्मकता
निराशावादी विचार लेकर आते नकारात्मकता
तू उसको जो भेंट करेगा वही
कई गुणा होकर तेरी ओर रुख करेगा
जो होना है वह तय है गीता में इसका उल्लेख है
फिर किस बात का भय है
क्रोधित है वह तुझसे
तेरी जीविका के लिए जो कायनात बनाई
उसी को तूने विध्वंस किया
इसलिए सबक सिखाने हेतु
उसने तेरा इम्तिहान लिया
नाव भी उसकी भंवर भी उसका
पतवार भी उसके हाथ है
थोड़ा सा तू रख ले धैर्य
तूफान है आकर चला जाएगा
डरने की क्या बात है ?
जो आज है वह बीत जाएगा
जो कल आएगा वह आज बन जाएगा
सपने की भांति तू यह प्रसंग भूल जाएगा
बादल छंट जाएंगे दुख संताप के
अंबर में खुशियों के सूरज का होगा उदय
उमंगों के फिर कमल खेलेंगे
जीवन में नवरंग घुलेंगे।