कितना कष्ट है सबका जीवन चतुरंग, उतना ही संक्लिष्ट है दैनंदिन रणरंग कितना कष्ट है सबका जीवन चतुरंग, उतना ही संक्लिष्ट है दैनंदिन रणरंग
उमंगों के फिर कमल खेलेंगे जीवन में नवरंग घुलेंगे। उमंगों के फिर कमल खेलेंगे जीवन में नवरंग घुलेंगे।
क्या करूं की हर आलम में वो समा रहीं है वो आ रही है वो आ रही है। क्या करूं की हर आलम में वो समा रहीं है वो आ रही है वो आ रही ह...
आ भर दे मेरे एहसासों को, चढ़ा अपना रंग आ भर दे मेरे एहसासों को, चढ़ा अपना रंग
लय नहीं तो क्या हुआ प्रयास मैंने तो कर डाला लय नहीं तो क्या हुआ प्रयास मैंने तो कर डाला
वो मौन रह गई मेरे एक प्रश्न पर जो मैंने पूछा था कितने जतन कर पूछा तो था बड़ा संभल कर हृदय में अनु... वो मौन रह गई मेरे एक प्रश्न पर जो मैंने पूछा था कितने जतन कर पूछा तो था बड़ा स...