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Sachin Tiwari

Inspirational

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Sachin Tiwari

Inspirational

हस्ती

हस्ती

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किस चिंता में डूबा है एसी भी क्या बात हुई

सूरज फिर निकलेगा क्या हुआ ग़र रात हुई 

जानता हूं रेत से बना है तेरे सपनों का महल 

ढेर हो जायेगा बेशक आज ग़र बरसात हुई 

धरती तेरा फर्श है और आसमां अर्श है तेरा 

रेत के महल की भला फिर क्या बिसात हुई 

कुछ खोना कुछ पाना तो दस्तूर है दुनिया का 

विचलित न हुआ जो हस्ती उसी की ख्यात हुई 



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